बिहार में शिक्षकों को मिलेगा 2 साल का अवकाश

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बिहार राज्य में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाने के लिए बिहार के यशस्वी मुख्यमंत्री माननीय नीतीश कुमार के दिशा निर्देश पर विगत वर्षों में सरकारी विद्यालयों में बहुत अधिक संख्या में महिला शिक्षकों की नियुक्ति हुई है, जिनमें से अधिकांश शिक्षक परिवीक्षा अवधि में है। परिवीक्षा अवधि में रहने के बावजूद जिला शिक्षा कार्यालयों को लगातार शिशु देख भाल अवकाश हेतु आवेदन प्राप्त हो रहे हैं और दूरभाष पर भी लगातार विधिवत अवकाश स्वीकृत हेतु एवं अनुशंसा किए जाने का अनुरोध किया जा रहा है। जिसको लेकर जिला शिक्षा पदाधिकारी पटना के द्वारा शिशु देखभाल अवकाश को लेकर कुछ दिशा निर्देश जारी किए गए हैं जिससे शिक्षकों की सभी प्रकार की शंका खत्म हो जाए और उन्हें अनावश्यक कार्यालय का चक्कर ना लगाना पड़े। 2 अगस्त को जारी किए गए पत्र में बिहार सेवा संहिता वो नियम-220A नियम का हवाला दिया गया ही जिसने में अंकित है कि यह अवकाश विशेष परिस्थिति में देय है। अवकाश स्वीकृत/अनुशंसा किए जाने से पूर्व इसकी भी समीक्षा किया जाना आवश्यक है कि अवकाश की अवधि में पठन-पाठन कार्यों पर न्यूनतम प्रभाव पड़े साथ ही यह स्वीकृति अधिकार स्वरूप नहीं बल्कि मानवीय आधार पर विशेष परिस्थिति में देय है, जिसे आवश्यकता पड़ने पर विद्यालय एवं छात्र हित के आलोक कभी भी रद्द किया जा सकता है। जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा जारी पत्र में बताया गया कि विशेष परिस्थिति में उक्त अवकाश की अनुशंसा किये जाने हेतु निम्न शर्त निर्धारित की गई है।

आइए जानते हैं शिशु देखभाल अवकाश प्राप्त करने के लिए क्या हैं नियम व शर्ते

प्रतीकात्मक फोटो

1. यह अवकाश बिहार सेवा संहिता के नियम-220A अंतर्गत अव्यस्क (18 वर्ष से कम) संतान वाली महिला शिक्षिका/कर्मी को केवल दो संतान तक उनकी परीक्षा, बिमारी की दशा में पालन-पोषण या देख-भाल के लिए देय होगा।


2. यह अवकाश सधारणतः परिवीक्षा अवधि के दौरान नहीं की जायेगी। अपरिहार्य स्थिति में प्रमाणित साक्ष्य के उपलब्धता एवं मानवीय आधार पर दी जायेगी।
3. इस अवकाश हेतु आवेदन के साथ चिकित्सक के द्वारा निर्गत चिकित्सा प्रमाण-पत्र / जन्म प्रमाण-पत्र/बच्चे का पहचान/संस्थान प्रधान की अनुशंसा एवं सेवा विवरणी संलग्न करना अनिवार्य होगा।

इस अवकाश की अनुशंसा के पूर्व विद्यालय प्रधान एवं संबंधित प्रखण्ड शिक्षा पदाधिकारी उक्त विद्यालय में शैक्षणिक गतिविधि हेतु वैकल्पिक व्यवस्था करेगें, एवं विद्यालय प्रधान यह सुनिश्चित करेगें कि वर्ग कक्ष के संचालन एवं परीक्षा संबंधित कार्य पर न्युनतम प्रभाव पड़े।

5. यह अवधि संबंधित शिक्षक/कर्मी के सेवा अवधि में 730 दिवस की निर्धारित सीमा के अंतर्गत समाहित मानी जायेगी,जिसका संधारण विहित प्रपत्र में किया जायेगा।

6. यह अवकाश छु‌ट्टी लेखे में विकलित नहीं की जायेगी।

7. यह अवकाश एक कैलेडर वर्ष में तीन माह के लिए मंजुर किया जायेगा एवं तीन बार से ज्यादा विस्तारित नहीं किया जायेगा।

8. इस अवकाश का दावा अधिकारपूर्वक नहीं किया जायेगा।

जिला शिक्षा पदाधिकारी पटना ने सभी प्रखंडों के BEO को निर्देश दिया कि वे उक्त आदेश का अक्षरशः अनुपालन करते हुए समीक्षोपरान्त अनुशंसा सहित आवश्यक कार्रवाई हेतु आए हुए आवेदनों कार्यालय को प्रेषित करेगें।

जिला कार्यक्रम पदाधिकारी पटना द्वारा जारी आदेश

क्या पुरुष शिक्षकों को भी मिलेगा शिशु देखभाल अवकाश

बिहार सेवा संहिता में केवल महिला शिक्षकों के लिए यह प्रावधान किया गया है कि वो अपनी 18 वर्ष से कम उम्र की संतान की देखभाल, परीक्षा, किसी बीमारी में उनकी देखभाल के लिए पूरी सेवा के दौरान 730 दिनों का अर्जित अवकाश प्राप्त कर सकती हैं। ये अवकाश एक बार में 3 माह तक के लिए लिया जा सकता है। शिशु देखभाल अवकाश पुरुष शिक्षकों के लिए नहीं  है।

यदि आपको ये जानकारी अच्छी लगी तो इसे अन्य शिक्षकों के साथ अवश्य साझा करें साथी ही आपको और किस विषय पर जानकारी चाहिए वो कमेंट बॉक्स में अवश्य लिखें।

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