सरकारी विद्यालयों के शैक्षणिक गतिविधियों की अनिवार्यता एवं अनुशासन बनाये रखने को लेकर ACS एस सिद्धार्थ ने जारी किए दिशा निर्देश
बिहार में लगातार शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे सुधारों को लेकर शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ लगातार काम कर रहे हैं और जी जान से बिहार की शिक्षा व्यवस्था को सुधारने के लिए अनेक कदम उठा रहे हैं। विद्यालयों को सुचारू रूप से संचालन के लिए एस सिद्धार्थ ने विस्तृत दिशा निर्देश जारी किए हैं।
जानिए क्या कहा शिक्षा विभाग के मुख्य सचिव एस सिद्धार्थ ने अपने पत्र में
बिहार के सरकारी विद्यालयों में विद्यालय संचालन की अवधि 09:30 बजे पूर्वा० से 04:00 बजे अपराह्न निर्धारित है। छात्र/छात्राओं के लिए अपराहन 03:30 बजे तक विद्यालय संचालित होता है। विगत दो दिनों के अधोहस्ताक्षरी के क्षेत्र भ्रमण के क्रम में देखा गया है कि कुछ विद्यालयों के बच्चे सुबह के 09:30 बजे से 10:30 बजे तक विद्यालय जा रहे थे एवं रास्ते में अन्य गतिविधियों में शामिल हो रहे थे अर्थात् विद्यालय के निर्धारित समय पर वे विद्यालय परिसर में उपस्थित नहीं थे। साथ ही, यह भी देखा गया कि बच्चे 02:30 बजे अपराहन में भी विद्यालय छोड़कर या तो अपने घर जा रहे थे या फिर अन्य गतिविधियों में संलग्न थे। इससे स्पष्ट होता है कि विद्यालय के प्रधानाध्यापक एवं शिक्षकों का नियंत्रण उन बच्चों पर नहीं हैं। अविभावकों को भी जागरूक एवं सचेत करने की आवश्यकता है कि उनके बच्चे समय पर विद्यालय जाएँ और विद्यालय अवधि में विद्यालय में ही रहें।
अतः सरकारी विद्यालयों के परिसर एवं निर्धारित कार्यावधि में शैक्षणिक गतिविधियों की अनिवार्यता एवं अनुशासन बनाए रखने के उद्देश्य से विद्यालय में सभी शिक्षकों एवं बच्चों की उपस्थिति सुनिश्चित करने हेतु निम्न निर्देश दिये जाते हैं, जिनका अक्षरशः अनुपालन विद्यालय शुरू होने के पूर्व अपेक्षित हैः-
1. सभी प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक सुनिश्चित करेंगे कि उनके विद्यालय में अच्छी गुणक्ता की ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) उपलब्ध हो, जिसकी ध्वनि विद्यालय के पोषक क्षेत्र में अवस्थित घरों तक जाये ताकि विद्यालय खुलने एवं संचालित होने की सूचना बच्चों के साथ-साथ उनके अभिभावक को भी प्राप्त हो सके। जिन विद्यालयों में ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) अब तक उपलब्ध नहीं है, उनके प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक, पत्र प्राप्ति के 48 घंटा के अंदर ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) क्रय करना सुनिश्चित करेंगे। जिन विद्यालयों में ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) खराब स्थिति में हो या ध्वनि कमजोर हो, उस विद्यालय के प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक अविलंब ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) की मरम्मति करायेंगे एवं आवश्यकता होने पर नया ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) का क्रय करेंगे। कोई भी विद्यालय ऐसा न हो जिसमें ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) की उपलब्धता न हो, यह संबंधित जिला शिक्षा पदाधिकारी सुनिश्चित करेंगे।

2. सभी प्रधानाध्यापक/प्रधान शिक्षक विद्यालय प्रारंभ होने के 15 मिनट पहले विद्यालय पहुँचकर ध्वनि विस्तारक यंत्र (लाउडस्पीकर) से बच्चों को विद्यालय समय पर आने हेतु RTE Anthem (टन टन टन सुनो घंटी बजी स्कूल की, चलो स्कूल तुमको पुकारे…) 2 मिनट के अंतराल पर दो बार बजाऐंगे ताकि बच्चे निर्धारित समय पर विद्यालय पहुँचकर चेतना सत्र में उपस्थित हो जाएं। RTE Anthem, Google पर सर्च कर (RTE Anthem, Ministry of Human Resource Development…… अवधि 4 मिनट) प्राप्त किया जा सकता है।
3. चेतना सत्र प्रारंभ होने के पूर्व विद्यालय का मुख्य द्वार बंद कर दिया जायेगा, जो बच्चे विलंब से आयेंगे, उन्हें बताया जायेगा कि दूसरे दिन विलंब से आने पर विद्यालय में प्रवेश नहीं मिलेगा और अभिभावक को भी इसकी सूचना बच्चों के डायरी में अंकित कर प्रेषित किया जायेगा। यह कार्य बच्चों के वर्ग शिक्षक द्वारा किया जायेगा। वर्ग शिक्षक सुनिश्चित करेंगे कि उनके वर्ग के बच्चे चेतना सत्र में अनिवार्य रूप से उपस्थित रहें। प्रधानाध्यापक सुनिश्चित करेंगे कि विद्यालय के सभी शिक्षक चेतना सत्र प्रारंभ होने के पूर्व अनिवार्य रूप से उपस्थित हो जायें।
4. सभी शिक्षक चेतना सत्र के निर्धारित समय 09:30 बजे पूर्वा० में उपस्थित होकर बच्चों के साथ चेतना सत्र की पूरी अवधि में सक्रिय रहेंगे। चेतना सत्र में उपस्थित सभी शिक्षकों एवं बच्चों का फोटोग्राफ लेकर सुरक्षित रखा जायेगा। निरीक्षी पदाधिकारी द्वारा फोटोग्राफ अवलोकन हेतु माँगे जाने पर उपलब्ध करायेंगे। कमांड एण्ड कंट्रोल सेन्टर द्वारा प्रत्येक दिन जिन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक से फोटोग्राफ्स की माँग की जायेगी उन विद्यालयों के प्रधानाध्यापक द्वारा Command and Control Centre को अविलंब उपलब्ध कराया जाएगा।
5. विद्यालय में पदस्थापित प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक/शिक्षक की सामूहिक जिम्मेवारी होगी कि चेतना सत्र अवधि में ही सभी बच्चों के नाखून/सुसज्जित बाल/साफ-सुथरे पोशाक /स्नान करके आना आदि का अवलोकन कर आवश्यक निर्देश मौखिक रूप से बच्चों को दें। वर्ग शिक्षक इससे संबंधित निर्देश बच्चों के डायरी में अवश्य अंकित करें। वर्ग शिक्षक (Class Teacher) का यह भी दायित्व होगा कि सभी बच्चों के डायरी का अवलोकन प्रत्येक दिन करें ताकि डायरी की उपयोगिता/उपादेयता सिद्ध हो सके। डायरी में दी गई महत्वपूर्ण जानकारियों के बारे में भी सप्ताह में किसी एक दिन बच्चों को बताया जाय।
6. चेतना सत्र की निर्धारित अवधि (आधा घंटा) में सर्वधर्म प्रार्थना, बिहार राज्य प्रार्थना गीत, राष्ट्रगीत, आज का दिन, आज का विचार, तर्क ज्ञान, शब्द ज्ञान, सामान्य ज्ञान, प्रेरक प्रसंग आदि का गायन/वाचन कराया जायेगा। इस हेतु इसकी तैयारी कक्षा-4 से कक्षा-12 तक के छात्र एवं छात्राओं में से चयन Head Girl/Head Boy के रूप में प्रत्येक दिन के लिए करते हुए किया जायेगा। चेतना सत्र के आयोजन में संलग्न शिक्षक छात्र/छात्राओं के लिए भी एक पंजी संधारित होगी, जिसमें तिथिवार यह सूचनाएँ दर्ज रहेगी कि किन तिथियों को कौन-कौन सी गतिविधियाँ/ चेतना सत्र के विभिन्न आयामों का गायन/वाचन कराया गया है।
7. चेतना सत्र हेतु केंद्रीयकृत चेतना संसाधन सामग्री तैयार कराने एवं प्रेषित कराने की जिम्मेदारी निदेशक, राज्य शिक्षा शोद्य एवं प्रशिक्षण परिषद्, पटना की होगी, जिस हेतु एक कोषांग का गठन किया जायेगा एवं उक्त सामग्री का उपयोग सभी विद्यालयों में किया जायेगा।
8. विद्यालयों में पदस्थापित शारीरिक शिक्षक/शारीरिक शिक्षा एवं स्वास्थ्य अनुदेशक की यह जिम्मेवारी होगी कि वे बच्चों को पी०टी०/ शारीरिक अभ्यास/खेल आदि के लिए प्रधानाध्यापक से समन्वय स्थापित कर समय निर्धारित करायेंगे एवं एक पंजी संधारित करेंगे, जिसमें यह अंकित रहेगा कि किस तिथि/दिवस को कौन सा शारीरिक अभ्यास/खेल की गतिविधि किस कक्षा के बच्चों के साथ कराया गया है।
9. प्रत्येक कक्षा के लिए एक मॉनिटर (Class Monitor) का चयन एक महीने के लिए संबंधित वर्ग शिक्षक द्वारा किया जायेगा। मॉनिटर का दायित्व होगा कि अपने कक्षा के सभी बच्चों को चेतना सत्र एवं वर्ग कक्ष में उपस्थित कराना तथा बच्चों को दिये गये गृहकार्य की कॉपियों एकत्र कर संबंधित शिक्षक के पास उपलब्ध करायेंगे। साथ ही, प्रधानाध्यापक, मॉनिटर के लिए एक बैज (Badge) भी उपलब्ध करायेंगे।

10. प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक, चेतना सत्र के बाद होने वाली पहली, दूसरी एवं तीसरी घंटी में क्रमशः गणित, विज्ञान एवं हिन्दी/अंग्रेजी की रीडिंग की गतिविधियाँ रूटीन में प्राथमिकता के तौर पर शामिल करेंगे ताकि बच्चे गणितीय कौशल, विज्ञान में नवाचार एवं वाक् कौशल में प्रवीण हो सकेंगे।
11. विद्यालयों में पदस्थापित सभी शिक्षकों एवं प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक अलग-अलग शिक्षकवार एक पंजी (Teacher Register) रखेंगे जिसमें उनके द्वारा प्रत्येक दिन विद्यालय कार्यावधि में किये गये अध्ययन-अध्यापन कार्यों का लेखा-जोखा संधारण किया जायेगा, जिसकी अभिरक्षा प्रधानाध्यापक द्वारा की जायेगी। निरीक्षी पदाधिकारी द्वारा निरीक्षण के क्रम में प्रधानाध्यापक से शिक्षकवार संधारित पंजी का अवलोकन किया जायेगा कि शिक्षक द्वारा किस तिथि/दिवस को कौन सी गतिविधियाँ वर्गकक्ष में एवं वर्गकक्ष से बाहर की गई है।
12. किसी छात्र/छात्रा के विलंब से आने/अनियमित आने की सूचना वर्ग शिक्षक (Class Teacher) द्वारा दूरभाष के माध्यम से अभिभावक को दिया जायेगा और उन्हें विद्यालय में बुलाया जायेगा। यदि अभिभावक लगातार 3 बार बुलाये जाने पर अनुपस्थित रहते हैं तो वैसे अभिभावकों की सूची बनाकर संबंधित विद्यालय के पोषक क्षेत्र के वार्ड सदस्य / संबंधित पंचायत के सरपंच/मुखिया को सूचित किया जायेगा कि इन अभिभावकों के बच्चे विद्यालय समय पर नहीं आते हैं तथा प्रायः अनुपस्थित रहते हैं, उन्हें सामूहिक रूप से विद्यालय में बुलाया जायेगा, जिसमें वार्ड सदस्य / सरपंच/मुखिया/सभी शिक्षक उपस्थित रहेंगे एवं उन्हें शिक्षा/समय के महत्व की जानकारी उदाहरण देकर दी जायेगी। साथ ही बताया जायेगा कि समय पर विद्यालय में उपस्थित नहीं रहने के कारण उनके बच्चे अशिक्षित रह जायेंगे जिनका भविष्य उज्ज्वल नहीं हो पायेगा।
13. विद्यालय प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक एक पंजी संधारित करेंगे, जिसमें आकस्मिक स्थिति उत्पन्न होने पर यदि बच्चे विद्यालय कार्यावधि के पूर्व विद्यालय छोड़कर कहीं आवश्यक कार्य से जाते हैं तो उनके संदर्भ में पंजी में तिथि एवं समय अंकित किया जायेगा। आकस्मिक स्थिति में बच्चों के अभिभावक को दूरभाष पर सूचना भी दी जानी चाहिए कि उनके बच्चे विद्यालय समय पूर्व छोड़कर घर या अन्य जगह आवश्यक कार्य से जा रहे हैं।
14. प्रधान शिक्षक / प्रधानाध्यापक विद्यालय में शिक्षकों की उपस्थिति पर कड़ाई से नजर रखेंगे एवं सुनिश्चित करेंगे कि शिक्षक समय पर विद्यालय आयें एवं समय से विद्यालय छोड़ें। सभी शिक्षक अपनी उपस्थिति विद्यालय परिसर के अन्दर आकर ही दर्ज करेंगे, इसे सुनिश्चित किया जाए। ऐसे शिक्षकों की पहचान की जाय, जो विद्यालय परिसर के बाहर से उपस्थिति दर्ज करते हैं। ऐसी उपस्थिति अमान्य होगी।
15. प्रधान शिक्षक/प्रधानाध्यापक वैसे शिक्षकों पर विशेष निगरानी रखेंगे, जो हाजिरी बना कर विद्यालय परिसर से बाहर चले जाते हैं और शाम में आकर अपनी हाजिरी बना लेते हैं। वे इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को देंगे जो ऐसे शिक्षकों के विरूद्ध अविलंब कार्रवाई करेंगे। विद्यालय के अन्य शिक्षक भी प्रधानाध्यापक अथवा प्रधान शिक्षक की विद्यालय से अनाधिकृत अनुपस्थिति की सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दे सकेंगे जिसे जिला शिक्षा पदाधिकारी द्वारा गुप्त रखते हुए संबंधित प्रधानाध्यापक / प्रधान शिक्षक के विरूद्ध कार्रवाई की जायेगी।

16. सभी शिक्षक अपना अवकाश स्वीकृत करा कर ही विद्यालय छोडेंगे। अगर कोई भी शिक्षक बिना अवकाश स्वीकृत कराये अवकाश पर चले जाते हैं तो इसकी सूचना जिला शिक्षा पदाधिकारी को दी जाय।
17. यदि मुखिया, वार्ड सदस्य, ग्रामीण जनता एवं अन्य किसी को यह सूचना प्राप्त होती है कि कोई शिक्षक, प्रधान शिक्षक या प्रधानाध्यापक विद्यालय में हाजिरी लगाकर विद्यालय से गायब रहते हैं तो वे इसकी सूचना विभागीय कॉल सेन्टर टॉल फ्री नं०-14417 एवं 18003454417 पर देंगे एवं संबंधित शिकायत की जाँच कर आवश्यक कार्रवाई की जायगी ताकि विद्यालय में शैक्षणिक वातावरण एवं अनुशासन सुनिश्चित हो सके।
उपर्युक्त निर्देशों का अक्षरशः अनुपालन करना सभी का दायित्व है। सभी संबंधितों से समन्वय स्थापित कर इसे सुनिश्चित कराना जिला शिक्षा पदाधिकारी की जिम्मेवारी होगी।
