MLC बंशीधर ब्रजवासी ने शिक्षा विभाग से की 36 सूत्री मांग, शिक्षकों और कर्मियों को राहत देने पर दिया ज़ोर
पटना: बिहार विधान परिषद के शिक्षक सदस्य बंशीधर ब्रजवासी ने एक बार फिर राज्य के शिक्षकों, शिक्षिका कर्मियों और शिक्षा विभाग से जुड़े कर्मियों की समस्याओं को लेकर मोर्चा खोल दिया है। उन्होंने 36 सूत्री मांग पत्र शिक्षा विभाग को सौंपते हुए जल्द से जल्द समाधान की मांग की है।
1. शिक्षकों की बहुप्रतीक्षित स्थानांतरण नीति में पारदर्शिता की मांग
MLC ब्रजवासी ने कहा कि शिक्षकों के ट्रांसफर प्रक्रिया में पारदर्शिता नहीं है, जिससे शिक्षकों को परेशानियों का सामना करना पड़ता है। उन्होंने स्थानांतरण की प्रक्रिया को सरल, निष्पक्ष और डिजिटल करने की मांग रखी।
2. प्रोन्नति में हो रही देरी पर जताई नाराजगी
उन्होंने विभाग से सवाल किया कि वर्षों से सेवा दे रहे शिक्षक अभी तक पदोन्नति से वंचित क्यों हैं। जल्द से जल्द प्रमोशन प्रक्रिया को दुरुस्त करने की बात कही गई।
3. शिक्षिका कर्मियों को समान वेतन और स्थायीत्व की मांग
उन्होंने शिक्षिका कर्मियों को समान कार्य के लिए समान वेतन देने, उन्हें स्थायी करने और सेवा शर्तें स्पष्ट करने की मांग की।
4. पेंशन, ग्रेच्युटी और एरियर भुगतान की मांग
पुरानी पेंशन योजना को बहाल करने, NPS में व्याप्त विसंगतियों को दूर करने और लंबित ग्रेच्युटी व एरियर भुगतान की मांग भी प्रमुखता से की गई।
5. विद्यालयों में मूलभूत सुविधाएं सुनिश्चित करने की आवश्यकता
शिक्षण व्यवस्था को बेहतर बनाने के लिए स्कूलों में बेंच-डेस्क, बिजली, पानी और साफ-सफाई जैसी मूलभूत सुविधाओं की तत्काल व्यवस्था की बात रखी।
6. लाइब्रेरी, लैब और ICT लैब संचालन की स्थिति सुधारने की मांग
विद्यालयों में किताबों की कमी, प्रयोगशालाओं की बदहाली और ICT लैब की निष्क्रियता पर चिंता जताई गई।
7. महिला शिक्षकों की समस्याओं को लेकर विशेष पहल की मांग
महिला शिक्षकों के लिए स्थानांतरण में प्राथमिकता, मातृत्व अवकाश में सुधार और विद्यालय में सुरक्षित माहौल देने की अपील की गई।
8. जिला और राज्य स्तर पर शिक्षक परामर्शदात्री समिति के गठन की मांग
उन्होंने विभाग से अनुरोध किया कि शिक्षकों की समस्याओं और नीतिगत फैसलों में उनकी भागीदारी सुनिश्चित हो, इसके लिए परामर्शदात्री समिति बनाई जाए।
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ब्रजवासी बोले – शिक्षक सम्मान चाहते हैं, अहसान नहीं
MLC बंशीधर ब्रजवासी ने यह भी कहा कि “शिक्षक कोई एहसान नहीं, बल्कि सम्मान चाहते हैं। जब तक शिक्षा विभाग इन मांगों पर गम्भीर नहीं होता, तब तक शिक्षक हित सुरक्षित नहीं हो सकता।”

📌 बंशीधर ब्रजवासी की 36 सूत्री मांगें
1. माध्यमिक शिक्षकों/प्रधानाध्यापकों का प्रोन्नति पर स्थानांतरण तत्काल किया जाए।
2. PGT शिक्षकों का स्थायी स्थानांतरण शीघ्र शुरू हो।
3. TGT शिक्षकों की प्रोन्नति की प्रक्रिया समय सीमा के अंदर पूरी हो।
4. PGT की नियुक्ति हेतु नीतिगत निर्णय लिया जाए।
5. माध्यमिक शिक्षकों को ग्रेड-पे 4600/- तथा PGT को 4800/- दिया जाए।
6. 10 वर्ष की सेवा पर ACP लाभ दिया जाए।
7. प्राथमिक विद्यालयों में पुस्तकालय, विज्ञान प्रयोगशाला, कंप्यूटर लैब, खेलकूद की सुविधा उपलब्ध कराई जाए।
8. विद्यालयों में चहारदीवारी, शौचालय, पेयजल, फर्नीचर की पर्याप्त व्यवस्था की जाए।
9. शिक्षकों को समय पर वेतन, एरियर, LTC, चिकित्सा प्रतिपूर्ति भुगतान सुनिश्चित हो।
10. शिक्षकों के अवकाश स्वीकृति में लचीला दृष्टिकोण अपनाया जाए।
11. शिक्षकों की सेवा पुस्तिका समय पर अपडेट हो।
12. शिक्षकों को डिजिटल प्रशिक्षण एवं स्मार्ट क्लास के लिए संसाधन उपलब्ध कराए जाएं।
13. मध्याह्न भोजन योजना में पारदर्शिता लाकर शिक्षकों को इससे मुक्त किया जाए।
14. NPS में केंद्र की भांति अंशदान 14% किया जाए।
15. NPS की राशि में पारदर्शिता सुनिश्चित हो।
16. पुराने पेंशन योजना की बहाली की दिशा में कदम उठाया जाए।
17. शिक्षकों को आयकर में छूट देने का प्रयास हो।
18. स्कूलों में नियमित निरीक्षण की प्रभावी व्यवस्था हो।
19. विद्यालयों में समय पर पाठ्यपुस्तकें उपलब्ध कराई जाएं।
20. शिक्षकों को समय-समय पर प्रशिक्षण दिया जाए।
21. महिला शिक्षकों को स्थानांतरण में प्राथमिकता मिले।
22. गर्भवती शिक्षिकाओं को आवश्यक अवकाश मिले।
23. ICT लैब की मरम्मत व संचालन हो।
24. सभी विद्यालयों में वाई-फाई सुविधा दी जाए।
25. शिक्षकों को राज्यकर्मी का दर्जा दिया जाए।
26. शिक्षक दिवस पर राज्यस्तरीय सम्मान की व्यवस्था हो।
27. नियोजित शिक्षकों की सेवा नियमितीकरण की प्रक्रिया शीघ्र हो।
28. माध्यमिक विद्यालयों में प्रयोगशाला सहायक की बहाली हो।
29. शिक्षकों को कैशलेस चिकित्सा सुविधा दी जाए।
30. शिक्षकों को गृह जिले में नियुक्ति का विकल्प मिले।
31. नवप्रवेशित शिक्षकों को प्रशिक्षण के बाद ही विद्यालय भेजा जाए।
32. पंचायतों द्वारा शिक्षकों पर नियंत्रण की प्रवृत्ति पर रोक लगे।
33. विद्यालयों में कार्यालय सहायक, चपरासी की बहाली हो।
34. शिक्षक संगठनों से संवाद की व्यवस्था नियमित हो।
35. जिला एवं राज्य स्तर पर शिक्षक परामर्शदात्री समिति का गठन हो।
36. शिक्षकों की समस्याओं को सुलझाने हेतु विशेष हेल्पलाइन बनाई जाए।